
Anant Singh: बिहार के मोकामा से राजद के टिकट पर जीते विधायक अनंत सिंह के सपथ को लेकर लोगों में एक चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि वर्तमान समय में अनंत सिंह एक हत्या के मामले में बेउर जेल में बंद हैं, और यही कारण है कि लोगो में एक चिंता का विषय बना है की नए विधायकों के सपथ समारोह में वो सपथ लेंगे या नहीं।
Patna (पटना): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार कई प्रभावशाली और बाहुबली नेता मैदान में थे लेकिन इनमे से एक नाम जो की विशेष रूप से चर्चा में था वो नाम था, मोकामा से राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी अनंत सिंह (Anant Singh) का। लेकिन यह चर्चा का विषय चुनाव जीतने के बाद भी चर्चा में हैं और इसका कारण है चुनाव जीतने के बाद भी वो हत्या के आरोप में जेल में है। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं क्या अनंत सिंह विधायक का सपथ लेंगे और अगर नहीं लेंगे तो उनकी विधायकी कैसे बचेगी।
क्या है विधायकी बनाये रखने का नियम
आप सभी लोगों में से काफ़ी लोगों के मन में ये सवाल होगा की आख़िर विधायकी बनाये रखने का नियम क्या है। तो आपको बताते चलें की नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर चुनाव जीतता है तो उसे विधानसभा का सदस्य बने रहने के लिए, चुनाव जीतने के 6 महीने के अंदर ही सदस्यता की सपथ लेनी होती है।

करना होता है पैरोल के लिए आवेदन
जेल में बंद सदस्य के लिए नियम यह है की अगर कोई सदस्य जेल में बंद है तो वह पैरोल के लिए आवेदन करता है। कोर्ट से पैरोल मिलने के बाद विधायक विधानसभा सत्र के दौरान सदन में आकर स्पीकर के सामने सपथ लेते हैं।
अगर किसी कारण से कोर्ट पैरोल देने से इंकार करता है तो ऐसे में राज्यपाल या उनके अधिकृत कोई भी अधिकारी जेल के अंदर जाकर उस सदस्य को सदस्यता की सपथ दिला सकते हैं।
इस से पहले भी अनंत सिंह (Anant Singh) जीत चुके हैं चुनाव
अनंत सिंह (Anant Singh) के बारे में बात की जाए तो यह पहली बार नहीं है की अनंत सिंह जेल में रहते हुए चुनाव जीते हैं इस से पहले भी देखा जाए तो 2020 में भी वे एक मामले में जेल में थे और चुनाव जीते थे और उस समय विधानसभा सत्र शुरू होने पर उन्हें पैरोल मिली थी। जिसके बाद वे सदन में आकर सपथ लिए थे। इस बार भी कुछ ऐसा ही लग रहा है, उनके टीम के द्वारा पैरोल के लिए याचिका दाखिल करने की उम्मीद है।